हर चुनौती के लिए तैयार भारतीय सेना, पश्चिम कमान का रैम प्रहार सैन्य प्रशिक्षण सम्पन
–एक माह से हरिद्वार की झिलमिल झील के पास चल रहा था संयुक्त युद्धाभ्यास
हरिद्वार।
वेस्टर्न कमांड की आेर से चल रहे रैम प्रहार सैन्य प्रशिक्षण ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी। सेना की विशेष यूनिटें अलग—अलग इलाकों में मोर्चा संभाले नजर आईं, और इस अभ्यास ने आधुनिक युद्ध तैयारियों की झलक पेश की। नदी नाले पहाड, रेतीली भूमि और जंगल विभिन्न तरह के इलाकों में, सेना की टुकडि$यां रणनीतिक तरीके से अभ्यास करती नजर आईं। इस दौरान जमीनी और हवाई मोर्चों को साथ मिलाकर एकीकृत युद्ध रणनीति का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर मौजूद सैन्य कमांडरों ने बताया कि रैम प्रहार अभ्यास का मकसद आधुनिक युद्धक तकनीकों की ट्रेनिंग देना और हर स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को और मजबूत करना है। यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा की तैयारी का मजबूत हिस्सा माना जा रहा है। अभ्यास के दौरान अपाचे और रुद्र हेलीकप्टर ने लाइव डेमो पेश कर सभी का ध्यान खींच लिया। इन लड$ाकू हेलीकप्टरों ने टारगेट हिटिंग और कि रिस्पन्स आपरेशन का शानदार प्रदर्शन किया। आसमान में गूंजती रोटर की आवाज ने यहां मौजूद हर व्यक्ति में जोश भर दिया। भारतीय सेना की खड$ग कोर के अंतर्गत आने वाली रैम डिविजन ने एक्सरसाइज ‘रैम प्रहार’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, जीआेसीइनसी, पश्चिमी कमांड, ने हरिद्वार में अभ्यास के समापन पर सैन्य अभ्यास का निरीक्षण और मान्यकरण किया। यह एक प्रमुख एकीकृत सश सेना एवं सेवाआें का युद्धाभ्यास था, जो भारतीय सेना के आधुनिक, अनुकूलनशील, तेजी और तकनीक-सक्षमता की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इस अभ्यास ने सेना की परिचालनिक तेजी, बहु-क्षेत्रीय क्षमताआें तथा भूमि, वायु और साइबर सभी क्षेत्रों में वास्तविक समय में निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि की है। वर्तमान संवेदनशील क्षेत्रीय सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए यह सैन्य तैयारी, प्रतिरोधक और रणनीतिक द्रढ$ शक्ति को रेखांकित करता है। अभ्यास से पहले, रैम डिविजन ने विभिन्न युद्धाभ्यास ड्रिल्स और टैक्टिक्स, टेक्नीक एवं प्रोसीजर (टीटीपीएस) का सत्यापन किया। अभ्यास के दौरान कवचित सेना, पैदल सेना, इंजीनियर तथा आर्मी एविएशन के द्वारा गतिशील युद्धक्षेत्र में समन्वय के साथ अभियान संचालित किया गया। अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग,आईएसआर (इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकनिसेंस) एकीकरण, एआई आधारित निर्णय सहायता तंत्र तथा नेटवर्क-सक्षम कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम के प्रयोग ने यह दर्शाया कि भारतीय सेना जटिल और तकनीक-प्रधान युद्धक्षेत्रों में विजय प्राप्त करने की सेना की क्षमता रखती है। एक्सरसाइज ‘रैम प्रहार’ भारतीय सेना की उस अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है जिसके माध्यम से वह समन्वय, नवाचार और जनता के साथ अपने मजबूत संबंधों से शक्ति प्राप्त करते हुए फुर्तीला, लचीला और भविष्य के लिए तैयार बने रहने का संकल्प रखती है। यह अभ्यास भारत की उस द्रढ$ क्षमता का सूक्ष्म, किंतु सशक्त संकेत भी है जिसके बल पर राष्ट्र अपने हितों की रक्षा करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में समर्थ है।
